फिर वो बोली- तो दिखाई कैसे देगा?
मैं बोला- मेरे को देखना है कि तेरे को?
तो वो मुझे बोली- तेरे को !
तो मैंने कहा- वैसे करो ! मज़ा आयेगा !
फिर उसने पहले लाइट बंद कर दी और बाद में अपना ड्रेस निकाल कर बोली- कहाँ है? ज़रा ज़ल्दी देख लो !
मैं अपने दोनों हाथ उसकी ब्रा में डाल के उसके चुचे दबा रहा था। तो वो बोली- ज़ल्दी करो वरना कोई आ जायेगा !
मैं बोला- मिलने तो दो !
फिर हम दोनों एक सोफे पे लेट गए। वो बोली मुझे एक मर्द जैसे भी लड़की को खुश कर सकता हो, वैसा करो ! मैं तुम्हारे लिए तुम जो कहोंगे वो करुँगी पर एक शर्त पर कि तुम हर शुक्र और शनि को हमारे घर पे टीवी देखने ज़रूर आओगे।
मैंने बोला- अच्छा! फ़िर मैंने उसको किस किया, वो भी उसके लिप्स पे ! तो उसको थोड़ा सा मज़ा आया और मुझे भी अच्छा महसूस हो रहा था तभी मैंने उसको उसके मुँह पे और उसके पूरे बदन को मेरी किसो से नहला दिया। उससे उसको काफी मज़ा आया और वो बोली- तुम्हें कैसा लग रहा है? मैंने बोला- तुम सोच नही सकोगी कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
you unkown person...,apne ko kyon chhupate ho prifile mai kuchh nahi ..? aur story bhi adhuri likhte hai aap kyon
ReplyDeletejo kam kariye thik se kariye... mk
narayan narayan
ReplyDeleteChange idea about human life.
ReplyDeletehttp://esaierwork.blogspot.in
Stories are the power of thought of writer.